Tuesday 4 December 2018

अमन चैन के दुश्मन! सोच बदलो,युग बदलो!



सोच बदलो युग बदलो।

दोस्तो, आज का विषय हैं। सोच बदलो युग बदलो।
दुनिया पूरी लगी हैं। कि दुनिया मे अमन और चैन लाना हैं।
मैं पूछता हूँ। कैसे आएगा अमन और चैन। क्या यह बाजार में मिलता हैं। या इसकी कही खेती होती हैं। या  अमन और चैन जमीन में कही गड़े हुए हैं।

मैं राजनेताओं से लेकर आम आदमी,व्यापारी और साधु संतो और मौलवियों,पादरियों व अन्य सभी फकीरों से आज हम एक ही बात सुनते हैं। कि धरती पर विकास और सुविधाएं बढ़ रही हैं। लेकिन अमन चैन खो रहा हैं।
क्या हैं। इसकी असली वजह और क्या हैं। इसकी वास्तविक जड़।
दोस्तो, आप राजनेताओं व पुलिस पर धरती पर अमन चैन बिगड़ने के आरोप लगा रहे हैं। अक्सर आप और हम एक ही बात करते हैं। कि राजनीति और पुलिस व माफिया ने दुनिया मे अमन और चैन बिगाड़ कर रख दिया।

मैं ऊपर लिखी बातों से सहमत नही हूँ। मैं इन बातों को खारिज करता हूँ। भले आप सहमत हो या नही। लेकिन आज मैं आपको बताऊंगा की दुनिया मे अमन और चैन क्यो और कहा खो गया। क्यो आज इन्सान इंसान का दुश्मन बन गया हैं। क्यो जो जातियां और धर्म एक दूसरे का सन्मान करते थे। जो एक दूसरे के दुख दर्द में शामिल खड़े रहते थे। जो हर दुख और दर्द में साथ खड़े रहते थे वो धर्म और जातीय आज एक दूसरे की खून की प्यासी बनकर सिर्फ और सिर्फ सभी जातियां और धर्म  एक दूसरे को गिराने का काम कर रहे हैं।
दोस्तो, आज के इस विषय की एक ही सच्चाई हैं। कि अमन और चैन के वास्तविक दुश्मन हैं। बड़े उद्योगिक घराने। मैं सबको इसमें शामिल नही कर रहा हूँ। न ही सबको कटघरे में खड़ा कर रहा हूँ। लेकिन अपने व्यापार को बढ़ाने और जनता को कैसे भी उल्लू बनाकर अपनी झोली पैसों से भरने के लिए बड़े बड़े उद्योगिक घराने हर क्षण और पल सिर्फ यही दिमाग लगते हैं। कि अपने नए प्रोडक्ट को कैसे बनाये,कैसे और कहा लॉन्च करे। अगर कोई देश,राज्य,जिला या कस्बा इसके बीच अड़चन हैं। तो उसको खरीद लो जिसमे राजनेता और पुलिस सदैव टारगेट पर रहते हैं।

राजनेताओं और पुलिस को आखिर बिकने के लिए मजबूर कर ही लेते हैं। ये व्यापारिक घराने। और फिर जब एक बार राजनेता और पुलिस के मुंह ये खून लग जाता हैं। तो फिर बढ़ते ही चला जाता हैं। और आज ये लत बढ़ते बढ़ते इंसानियत की हदों से कही आगे निकल गयी।
मैं व्यापारिक घरानों की आलोचना नही कर रहा हूँ। हक्कीकत बयान कर रहा हूँ। दोस्तो, लगातार नए अविष्कार जो कि व्यापारिक घरानों के इशारों पर काम करने वाले अविष्कारक जो मानवता के परे सिर्फ और सिर्फ व्यापारिक घरानों की कमाई कैसे बढ़े और कैसे जनता को गुमराह करने वाले प्रोडक्ट्स का निर्माण करे।

आप भी मेरे से ज्यादा समझदार हो। एक तरफ किसी बीमारी का वायरस छोड़ा जाता हैं। ताकि बीमारी फैले और दूसरी तरफ उस बीमारी को मिटाने के लिए जनता से अरबो वसूल करते हैं। आज तक मैं यह समझ नही पाया हूँ। कि क्यो लोग कैसे भी करके धन और बल बढ़ाने में लगे हैं। जबकि वास्तविकता तो यह हैं। न धन साथ जाएगा न बल। साथ जाएगा तो सिर्फ आपकी अच्छाई और मानवता की सेवा।

मैं यह नही कहता कि व्यापारिक घराने अपना काम बंद करदे। मैं यह भी नही कहता कि अविष्कार और निर्माण बन्द कर दे। मैं यह भी नही कहता कि जनता के लिए नए प्रोडक्ट्स का निर्माण बन्द कर दे।

मैं यह भी नही कहता कि राजनेता या पुलिस किसी प्रोडक्ट्स को अपने क्षेत्र में न बिकने दे।

मैं ये भी नही कहता कि व्यापारिक घराने पैसे न कमाए। मैं यह भी नही कहता कि व्यापारिक घरानों के सभी अविष्कार और प्रॉडक्टस और पहलू खराब हैं। मैं ये भी नही कहता कि समय की मांग के सामने नए अविष्कार मत करो।

लेकिन एक ही बात कहना चाहता हूँ। कि कुछ भी करो लेकिन अमन और चैन को नकार कर मत करो। अगर आप अमन और चैन को बरकरार रखते हुए कुछ करते हैं। बदले में आप लाभ कमाते हैं। तो इसमें कोई खराबी नही हैं। लेकिन अमन चैन के पहलू को ताक पर रख कर सिर्फ और सिर्फ अपनी तिजोरी कैसे भरे और कैसे आप सिर्फ अपने जीवन मे मजे ले और अय्यास जीवन जिये बाकी दुनिया भले भाड़ में जाये तो आप गलत कर रहे हैं।

मैं वादे के साथ कहता हूँ। कि गलत इरादों और गलत तरीके से कमाए धन का भले आप अपने जीवन में कितना ही भंडार भर ले या निर्माण कर ले। एक दिन आप अपने जीवन मे पक्का इसका खामियाजा भुगतेंगे।

  अभी वर्तमान में विश्व मे सबसे बड़ी पीढ़ी हैं। युवा।
आज जो भी कंपनियां समान बना रही हैं। नए प्रोडक्ट लंच कर रही हैं। जो युवाओ को पसंद हो। जिसमें युवा अपने आप को अपडेट रख सके।

युवा सदैव विश्व का सबसे अहम हिस्सा हैं। युवा ही किसी देश का नागरिक होगा। युवा ही भविष्य का निर्माता और निर्माण करता होगा।
जब युवा के निर्माण और सहज चलने का समय होता हैं। तब युवा को भटकाव और बहकावे में व चकाचौंध में इतना डुबो दिया हैं। युवा को इतना आदि कर दिया हैं। कि आज युवा पतन के रास्तों पर निकल चुका हैं।

जो आज बुजुर्ग हैं। संत और महान हैं। वो भी कभी युवा रहे होंगे। लेकिन तब युवाओ को भटकने और भटकाने वाले निर्माता नही थे।
न ही तेजी से चलता माहौल था। विकास की गति नियंत्रित थी। विकास अत्यंत सधी हुई चाल से क्रम्बन्ध   विकास के साथ चलता था। एक निर्माण से दूसरे निर्माण तक मे कम से कम 20- 25 वर्ष लगते थे। एक अविष्कार को एक पूरी पीढ़ी इस्तेमाल करती थी।

एक किशोर एक अविष्कार को प्रौढ़ता की दहलीज तक इस्तेमाल करता था। अगली किशोर फिर एक नए अविष्कार को इस्तेमाल करता था। और ये कड़ी किसी अविष्कार की अहमियत और रूतबे को कायम किये हुए थी। आज के समय के आविष्कार फूहड़ और सिर्फ और सिर्फ पैसा छापने के उद्देश्य के लिए किये जाते हैं। आज के अविष्कारों का उद्देश्य अमन और चैन और मानवता की सेवा का भाव नही हैं।

अभी कुछ दिन पहले मैंने सद्गुरु ईशा ध्यान योग के लेख में एक बात पढ़ी की आज कोई भी बड़ी कंपनी सिर्फ और सिर्फ CSR  फंडिंग और सपोर्ट के लिए अपनी आमदनी का 2% देकर अपना फ़र्ज़ पूरा कर देती हैं। 2% देकर कोई भी कंपनी कहती फिरती हैं। कि हम तो जनता के सामाजिक सहयोग में भी सहयोग देते हैं। लेकिन इन्ही कंपनियों से पूछना चाहता हूँ। कि आपने उल्टे सीधे प्रोडक्ट्स बनाकर जो अरबो काली कमाई की हैं। क्या उसका आप वापस 2% रिटर्न् दे रहे हैं। एक तरफ कंपनियां उल्टे सीधे समान बनाती हैं। और एक तरफ उन्ही सामानों से अरबो कमाकर सिर्फ 2% देकर पल्ला झाड़ देती हैं। यही कड़ी हैं। अमन चैन को खत्म करने वाली।

आज बड़ी बड़ी कंपनियां ड्रग्स,कंडोम,वायरस और हथियार,मोबाइल,इंटरनेट का गलत इस्तेमाल,फैशन,और ऊलजलूल जितना भी कुछ बना रही हैं।वो सभी युवाओ को कमजोर करने के लिए बना रही हैं। जिसमे इन कंपनियों को अमन और चैन से कोई लेना देना नही हैं। क्या यही हैं। इन कंपनियों की जिम्मेवारी।
मेरा मनना हैं। कि जब कोई भी कंपनी या व्यापारिक घराना बड़े स्तर पर दुनिया मे उभरकर आता हैं। तो उसको अपने लाभ के साथ गलत तरीके न इस्तेमाल करते हुए। उत्तम लाभ और शुद्ध लाभ के साथ साथ मानवता की सेवा में शामिल होकर अपना फ़र्ज़ निभाना चाहिए।
मैं राजनेताओं और पुलिस और अन्य सुरक्षा और सरकार चलाने वाली ताकतों से भी यही अनुरोध करना चाहता हूँ। कि ये ताकते भी मानवता के लिए अपने मस्तिष्क और ताकत का इस्तेमाल करे ताकि इतिहास के पन्नो में महानता के रूप में नाम दर्ज हो।
जब भी कोई कंपनी मानवता के लिए कुछ निर्माण करती हैं। तो उस कंपनी को राजनीतिक और पुलिस की ताकते बिना किसी अन्य तकलीफ और शुद्ध लाइसेंस पद्दति से उनकी प्रोडक्ट को परमिशन दे। ताकि जनता उसका इस्तेमाल कर सके।

यह भी एक कड़ी का दूसरा पहलू हैं। कि जब कभी कोई कंपनी किसी विशेष समान का निर्माण करके जनसेवा करना चाहती हैं। तब उस कंपनी से सरकार और पुलिस लाइसेंस परमिशन के रूप में करोड़ो डकार जाती हैं। जो कि सरकारी खजाने से अलग होता हैं। इसका खामियाजा फिर ये कंपनिया जनता से या फिर उल्टे सीधे महंगे भाव और घटिया मेटेरियल का इस्तेमाल करके अपनी भरपाई करती हैं।

वर्तमान समय मे भारत सरकार ने एक बहुत अच्छा कदम उठाया जो कि युवाओ के भविष्य को लेकर था। भारत में पोर्न बैन हैं। लेकिन ऑनलाइन और इंटरनेट के जमाने मे दूसरे देशों से वेबसाइट के जरिये पोर्न इंडिया में बड़ी मात्रा में परोसा जा रहा हैं। जिसका सबसे बड़ा असर युवाओ व बालिकाओ व महिलाओं के शोषण का विषय बन गया। भड़काऊ पोर्न से न जाने कितनी ही बच्चियों और महिलाओं के साथ खिलवाड़ हुआ हैं। व  न जाने कितनी ही बहन बेटिया पतन में गयी हैं। पोर्न वेबसाइट को देख कर युवाओ ने अपना रास्ता अय्यासी और सेक्स की तरफ चुन लिया साथ दिया ड्रग्स कंपनियों ने।

देखते ही देखते आज स्कूल्स और कॉलेज में पढ़ाई कम और अय्यासी के अड्डे ज्यादा बन गए हैं। आज स्कूल और कॉलेजो में ड्रग्स,कंडोम्स और पोर्न मोबाइल पर बड़ी मात्रा में मिलता हैं।

जब से जियो ने अपने उत्तम इंटरनेट सेवा और वो भी प्रति दिन 1.5 GB डेटा देना शुरू किया हैं। तब से युवाओ ने पढ़ना लिखना छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ पोर्न और ड्रग को अहमियत दी हैं।
अपराध बढ़ने लगे।रिस्ते तार तार होने लगे। देखते ही देखते युवाओ का अपराध ग्राफ बढ़ने लगा। मोबाइल व स्मार्ट फ़ोन में वो सबकुछ मिलने लगा जो भटकाव के लिए जरुरी हैं। और युवा हर घर की चिंता का विषय बन गए।

गली और मोहल्लों और अंधरी गलियो और सूनसान जगहों और बीहड़ो में मोबाइल थामे युवकों की भीड़ और झुंड ये बताने लगे की अब युवा भटकाव के अंतिम कगार पर पहुंच चुका हैं।
मैने ऐसे कई युवाओ को देखा हैं। जो खाना खाना भुलगये और सिर्फ और सिर्फ मोबाइल में अपने जीवन को कैद कर दिया। न जाने ये युवा कौनसी किस्मत लिखेंगे मानवता के लिए।

इन सभी बातों पर गौर करके भारत सरकारने जिओ के साथ मिलकर देश मे DTRA का कानून बनाया और सभी टेलीफोन सेवा देने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया व कानून बना दिया कि आबए कंपनिया पोर्न साइट्स अपने सेवा में नही देगी।
और देखते ही देखते जिओ,एयरटेल,वोडाफ़ोन व अन्य सेलुलर कंपनियों ने इस बात को गौर से लिया और पोर्न को बैन करने में अहम भूमिका निभाई।
भारत सरकार व इन कंपनियों की इस पहल का मैं स्वागत करता हूँ। और अमन चैन की तरफ पहले प्रयास का मैं तहदिल से समर्थन करता हूँ।
भारत सरकार ने एक पहल


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