Friday 18 September 2015

गणपती से मिलने वाली शिक्षाए

प्रिय दोस्तों,

                     आप सभी को गणपति की ढेर सारी शुभकामना।

     हमे गणपती से किया शिक्षा मिलती हैं
                    पुरातन काल से किसी भी कार्य या पूजा के पीछे कोई कारण होता हैं। बिना कारण कोई पूजा या विधि नहीं होती हैं।
                        

                                गणपती  से मिलने वाली शिक्षाए 

       1. आँखे :- गणपति की आँखे छोटी हैं.अर्थात गणपति का यह संकेत हैं की दुनिया में अगर सफल होना  हैं                         तो छोटी आँखों से देखो,जिसका मतलब हैं हाथी की आँख छोटी हैं इस लिये उसको दुनिआ बड़ी                           लगती हैँ.जिस से कोई नुकसान नहीं हो। अगर ऊँठ जितनी आँख देदी होती तो दुनिआ हाथी के                           सामने टिक नहीं सकती थी। 
                            अगर हमारे घरो में कोई काम हैं तो नजर जितनी दायरे में होगी अर्थात भटकेगी नहीं।हमारा
                        काम कभी नहीं बनेगा।
       2   कान  :- गणपति के कान कितने बड़े हैं। संकेत हैं की बड़े कान रख कर सबकी सुननी चाहिए। सुनकर
                        समझें व हर बात को सोचे।
                       अगर हमारे घर पर कोई काम हैं जहाँ दोस्त भी आते यहीं और दुश्मन  भी हमें सबकी बाते                                सुननी हैं। बड़े कान रख कर   तभी हमारा काम सफल होगा।
 
       3 . दांत  :- हाथी के दांत खाने के अलग और दिखने के अलग होते हैं। अर्थात जब आप के घर घर पर  शुभ                          कार्य होता हैं तो दोस्तों और दुश्मनों की बातो को सुनना हैं लेकिन बोलना नहीं अर्थात दो दांत                           नहीं होना आर्थात बकवास नहीं करनी हैं या उनको बोल कर कुछ नहीं कहना हैं।
     
       4 . पेट  :- गणपति का पेट बड़ा होता हैं अर्थात जो कानो से  सुना अच्छा या बुरा उसको अपने पेट उतार                             लिया बिना मुह खोले।
       
       5. सूंड  :- गणपति की सूंड हाथी की नाक हैं। इस सूंड का उपयोग हाथी दूर खड़े  भी कर लेता हैं। इस प्रकार                        हमें भी कार्य करते समय एहसास रूपी सूंड लम्बी रख कर पता लगा लेना चाहिए।          
             
       6. चूहा :- गणपति की सवारी चूहे की हैं। अर्थात इतने भरी भरकमभ गणपति चूहे पर कैसे सवारी करते हैं                       तो जवाब हैं चूहा मन को बोला हैं मन भी चूहे की तरह चंचल होता हैं। अर्थात यदि आप को अपना                       कोई काम सफल करना है तो चूहे रूपी मन पर भार बना कर दबाना होगा जिससे मन की चंचलता                     खतम हो जाये।और आप का कार्य सफल हो जाये।

                         दोस्तों यह 6 धारणाओं के कारण गणपति की पूजा होती हैं।

              अगर हमारे घर पर कोई कार्यकर्म है और किसी की बात को सुन कर या देख कर हम अगर किसी को                 भला बुरा कहैं तो काम बिगड़ जायेगा। फिर घर में चाहें कितनी ही सुन्दर और बड़ी मूर्ति लगाओ।
       इस लिये सच्चा गणपति पूजन तभी संभव होगा जब आप ऊपर लिखी 6 बातो का पालन करे।
 
                                                       
                                          
जय गजानन 
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